सपनों की दुनियां में ऐसा होता है,
जागती हैं आँखे दिल सपने संजोता है।
सपने में अपने हिसाब से जीते हैं हम पर!
सपने और हकीकत में काफी फर्क होता है।
अपने ख्वाबों को मुकम्मल करने के लिए,
धूप में तप कर सोना बनना होता है।
कई बार बहुत सी परेशानियां घेर लेतीं है,
और हमारा हौसला भी टूटा होता है।
सपने पूरे बिखरे पड़े होतें है एक तरफ़,
ये दिल भी अंदर ही अंदर रोता है।
"निक्क" सपने की दुनियां से बाहर निकलकर देखो,
यहां का हर अफ़साना एक दूसरे से जुदा होता है।
स्वरचित : निखिल घावरे "निक्क सिंह निखिल"
भोपाल (मध्यप्रदेश)
दिनाँक : 17 जून 2023©
Punam verma
18-Jun-2023 08:36 AM
Very nice
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nikksinghnikhil
18-Jun-2023 09:07 AM
Thank you 😊
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
18-Jun-2023 08:12 AM
खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
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nikksinghnikhil
18-Jun-2023 09:07 AM
जी धन्यवाद
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kashish
17-Jun-2023 03:27 PM
awesome
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nikksinghnikhil
17-Jun-2023 04:07 PM
Thank you
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